Dr. Srimati Tara Singh
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सितंबर 2019
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सितंबर 2019
कविता
चिंता करता हूँ मैं जितना–डॉ. श्रीमती तारा सिंह--डॉ. श्रीमती तारा सिंह
ऐ प्यार तुझे ढूंढा कहाँ-कहाँ–मनीष कुमार पाठक--मनीष कुमार पाठक
परमार्थ जिस माटी में…ज़हीर अली सिद्दीक़ी--ज़हीर अली सिद्दीक़ी
“कवि हूँ मैं सरयू तट का “— सुखमंगल सिंह--सुखमंगल सिंह
नारी जीती विवश लाचार............डॉ. श्रीमती तारा सिंह --डॉ. श्रीमती तारा सिंह
कूक उठी हृदयवासिनी कोकिला..........डॉ. श्रीमती तारा सिंह --डॉ. श्रीमती तारा सिंह
धरा सुख में क्या रखा है............डॉ. श्रीमती तारा सिंह --डॉ. श्रीमती तारा सिंह
कहानी
लाल चुनरी–डॉ. श्रीमती तारा सिंह--डॉ. श्रीमती तारा सिंह
उधार की जिंदगी– डॉ. श्रीमती तारा सिंह--डॉ. श्रीमती तारा सिंह
न समझे वो अनाड़ी है–डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव--डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
आलेख
गुरुनानकदेव जी–डॉ. श्रीमती तारा सिंह--डॉ. श्रीमती तारा सिंह
हम और हमारी हिन्दी ........ डा० श्रीमती तारा सिंह--डा० श्रीमती तारा सिंह
Privatisation of Indian Railways—M.Y.Siddiqui--M.Y.Siddiqui
परमाणु शस्त्रों के सम्पूर्ण उन्मूलन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय दिवस (26 सितम्बर) पर विशेष लेख— डा0 जगदीश गांधी--डा0 जगदीश गांधी
नारी सशक्तिकरण (भारतीय सन्दर्भ)–Kirti Vardhan--Kirti Vardhan
ग़ज़ल
चिराग बन ता-उम्र जले,जिसके इंतजार में हम–डॉ. श्रीमती तारा सिंह--डॉ. श्रीमती तारा सिंह
ख़ुदा ! मेरे कातिल को सलामत रखना–डॉ. श्रीमती तारा सिंह--डॉ. श्रीमती तारा सिंह
आपका दिल मेरे प्यार के काबिल नहीं है–डॉ. श्रीमती तारा सिंह--डॉ. श्रीमती तारा सिंह
जद से गुजर गया था अज़्दहाम आज फिर–-कामिनी कामायनी--कामिनी कामायनी
पुस्तक समीक्षा
कीर्ति वर्धन का दृष्टि संसारकृतिकार (अ कीर्ति वर्धन)–समी0 प्रो. डॉ शरद नारायण खरे--समी0 प्रो. डॉ शरद नारायण खरे
“खोई हुई परछाई”---- देवी नागरानी--देवी नागरानी
व्यंग्य
पटवारी रिश्वतखोर तो मंत्री क्या ?–हेमेन्द्र क्षीरसागर--हेमेन्द्र क्षीरसागर
ऐ खुदा बड़ी मेहरबानी –संदीप अलबेला--संदीप अलबेला
हाइकु
कुछ हाइकु– शशांक मिश्र भारती--शशांक मिश्र भारती
रूप तुम्हारा—सुशील शर्मा--सुशील शर्मा
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ
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