Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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ख़ुदा ! मेरे  कातिल  को सलामत रखना

मेरी  वहशत1 में, उसकी  शोहरत रखना

फ़रियादे-मुहब्बत की मुझमें हिम्मत नहीं

तुम  इसे  वयां  करने की ताकत रखना

रोज  दुआ  माँगती  है,वह मेरे मरने की

उसकी  दुआ  की  तुम  इज्जत  रखना

उम्रे-रवां2दिल की तड़पन सह नहीं सकती

मेरे दिल की और न कोई हसरत3 रखना

है, दुनिया  में  इश्क  अगर  मुसीबत,तो

इस   मुसीबत   को  मेरे  साथ  रखना

1.पागलपन 2.बढ़ती लम्बी आयु 3.परेशानी

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