Dr. Srimati Tara Singh
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गज़ल
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गज़ल
शिव
शिव
देखो मेरा वक़्त ये बेहतर बदला है
बिता न कभी वक्त मेरा सादगी के साथ
दुनियाँ की सबसे कीमती दौलत क़ुबुल है
तेरे नजदीक आ रहा हुँ मै
बहुत नाराज हुँ मै जिन्दगी से
दिल मे मुझे बिठाती है माँ
मुझे अपनी बाँहोँ मे कसकर तो देखो
झुठे अभिनय मे बेहुनर हुँ मै
पतझड मे सावन देखा है
प्यार मेरा कुबुल कर लीजे
जान से ज्यादा प्यारी यादेँ
इंसानियत की मेरी बीमारी नही जाती
प्यास दिल को लगी की लगी रह गई
हमारे हाथ मे जो हाथ तुम्हारा होता
मेरे हाथोँ मे इक गुलाब देकर
उजडल हमार बहार बा तोहरा के का कहीँ
पैर की मेरे सभी को बेडियाँ दिखती हैँ बस
आपके दर पर दिवाना आ गया
बुरा है क्या और क्या अच्छा दिखाई देता है
एक पल को भी नही आराम है
अपने आँचल मे ही छुपा ले माँ
मेरे चाहत भरे नगमे वो साज ए दिल पे गाता है
दुनियाँ ने मेरे लहजे
नाम अपनो किसान बाऽ साहेब
तेरी ज़फाओँ से मुझको कोई मलाल नही
शीशा ए दिल मे अपने चटखने लगा हुँ मै
दिल का टुकडा हैँ दुलारी बेटियाँ
झुठी दुनियाँ बनाई जाती है
दिलरुबा को जब भी देखा रुत सुहानी हो गई
तु भी किसी के प्यार मे तडपे तो ठीक है
इक बेवफा को अपना बनाने से क्या मिला
कभी तो वफाओँ की बरसात होगी
दुनियाँ मे जीने की खातिर क्या से क्या करना पडता है
आज का इंसान ये दौलत मे अंधा हो गया।
ये मेरा दिल डरा डरा क्युँ है
माँ बाप
बहुत दिल दुखाया है अब ना दुखाओ
दिल तुम्हे दे के भी आराम नही है मुझको
मोहब्बत मे सब कुछ गँवाने के बाद
दुर हो जा तु भले मै दुर होने से रहा।
दिल तुम्हे दे के भी आराम नही है मुझको
रात भर युँ जागने की नौकरी मे कुछ नही।
है आवाज तेरी या कोयल की बोली
तुम्हारा देखना ऐसे हमारी जान ले लेगा
होता है बडा बवाल कि तुम ना हँसा करो
ये लगता नही है कि तु लौट आये
गर दिल मे है गहराई
ना रखो सर को अपने गैर के कन्धोँ पे ऐ जानम
मेरे दिल मे बत्तमीज वफा रहने दो यारोँ
युँ बात करते करते अटकना नही अच्छा
हम प्यार करेगेँ भले ही जलते रहेँ लोग
झुकने से पहले ही यारोँ सर कट जाये तो अच्छा है
ना इस तरहा से ठुकराओ किसी का प्यार हम भी हैँ
तोडेँ हैँ मैने अपने ही शहनाई के सपने।
हम तुम को अपने दिल का कातिल नही कहेँगे
जा मुझे तु छोड. के तुझको भुला ना पाउगाँ
इन्साँ के हौसलो को तोडा है तितलियो नेँ
माँ-बाप
हम अपनी दास्तान-ए-गम यहाँ सुनाएँ किसे
बर्थडे
हम अपनी दास्तान-ए-गम यहाँ सुनाएँ किसे
उडता है ये दिल का पँक्षी अपने दिल मे आस लिए
हमारे देश के बच्चोँ मे शिष्टाचार होता है।
जिसके दिल मेँ प्यार भरा है वो ही शिष्टाचारी है
MERA MEHABOOB MERI HAR KHUSHI ME PAAS RAHE
AB HAM NA TERI YAAD ME ROYENGE BAITH KAR.
Ab haal apna tujh se batana nahi acha.
Hamare sath ho lena agar mushkil najar aaye.
Ek raat kya maine tumhare sath kaat di
Deshbakti
Aayi thi hawa ban ke wo tufan ban gayi
शिष्टाचार
Mujh ko yaar bana legi wo itni usme wafa nahi
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ
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