सिवनी बालाघाट फोरलेन हो फिर हो टोल वसूली!
सत्ताधारी सांसद, विधायक हैं मौन, विपक्ष के विधायक कर रहे आंदोलन
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। सिवनी जिले का यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि सालों से सिवनी में भारतीय जनता पार्टी के सांसद और विधायक तथा प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार रहने के बाद भी उपलब्धियों के मामले में सिवनी की झोली रीति ही है। उक्ताशय की बात भाजपा की जिला इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही।
उक्त नेता का कहना था कि स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर बालाघाट में पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के द्वारा प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग के जरिए एवं स्वयं के संपर्कों से राज्य शासन का ध्यान इस ओर न केवल आकर्षित कराया वरन अधिकारियों पर दबाव बनाया गया, जिसके परिणाम स्वरूप 14 अगस्त से ही सिवनी से बालाघाट के बीच दोनों टोल नाकों में टोल वसूली स्थगित कर दी गई।
बरघाट के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विनोद वासनिक के द्वारा सोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट डाली गई है, जिसमें उन्होंने यह कहा है कि सिवनी से बालाघाट का मार्ग जिसे मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड के द्वारा संधारित किया जा रहा है, उसे अपग्रेड कर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया जाए एवं इस मार्ग को फोर लेन में तब्दील किए जाने के बाद ही यहां टोल वसूली आरंभ की जाए।
लोगों का कहना है कि कांग्रेस नेता विनोद वासनिक का सुझाव स्वागत योग्य है। लोगों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि अगर चुने हुए जनप्रतिनिधियों के मानस पटल पर इस तरह के विचार नहीं आ रहे हैं, तो उन्हें दलगत भावना से उपर उठकर सिवनी के हित में दिए जाने वाले सुझावों को आत्मसात करने में गुरेज नहीं करना चाहिए।
लोगों का कहना है कि स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे में अपग्रेड करने का मसला केंद्र सरकार के द्वारा किया जाएगा, इसलिए इस मामले में बालाघाट के सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन को आगे आकर (चूंकि पूरा मार्ग उनके संसदीय क्षेत्र की जीवन रेखा माना जा सकता है) केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री के सामने प्रभावी तौर पर इस पक्ष को रखा जाना चाहिए।
सिवनी की सियासी फिजा में चल रही चर्चाओं के अनुसार सिवनी में सालों से खतो खिताब की सियासत होती आई है। नेताओं के द्वारा पत्र देकर फोटो खिचाकर खबरें जारी करना पुराना शगल ही प्रतीत हो रहा है। इन पत्रों में से कितने पत्रों को अमली जामा पहनाया गया है यह बात भी शोध का ही विषय मानी जा सकती है। चर्चाओं के अनुसार सिवनी में भाजपा के सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन, सिवनी के विधायक दिनेश राय इस मामले में मौन साधे हुए हैं, जबकि बालाघाट के विधायक गौरी शंकर बिसेन अकेले ही टोल वसूली स्थगित करवाने के लिए एड़ी चोटी एक किए हुए हैं। इसके अलावा बरघाट के कांग्रेस के विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने डंपर, ट्रक, जेसीबी एसोसिएशन के साथ धरना दिया गया।
सिवनी में एफएम रिले सेंटर के स्वीकृत हुए पांच सालों से ज्यादा समय बीत चुका है। इसके अलावा फोरलेन का निर्माण तो हुआ है पर फोरलेन भी बुरी तरह जर्जर हो चुकी है। सिवनी में अमान परिवर्तन के लिए पटरी उखड़े समय हो चुका है, सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन के द्वारा जून 2021 का लक्ष्य दिए जाने के बाद भी रेल्वे के अधिकारियों के द्वारा उनकी बात को भी हवा में ही उड़ा दिया गया। वर्तमान हालात देखकर यही कहा जा सकता है कि भोमा से सिवनी के बीच सीआरएस भले ही 2022 के मार्च तक हो पाए पर इस रेलमार्ग पर रेलगाड़ियों का सुचारू संचालन होने में एक साल से ज्यादा का समय लग सकता है।
एनएचएआई के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि लगभग दो दशक पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग के अध्यक्ष मूलतः छिंदवाड़ा जिले के निवासी हुआ करते थे। उनके द्वारा होशंगाबाद से पिपरिया, छिंदवाड़ा, सिवनी बालाघाट होकर गोंदिया के मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कराने के भरसक प्रयास किए थे, किन्तु उस दौर के सिवनी के सांसदों के द्वारा इसमें दिलचस्पी नहीं लिए जाने से यह मामला ठण्डे बस्ते के हवाले ही कर दिया गया था।
इधर, लोक निर्माण विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि लोक निर्माण विभाग के किसी मार्ग को अगर नेशनल हाईवे घोषित करने की कवायद की जाती है तो पीडब्लूडी इसके लिए सहर्ष तैयार रहता है, क्योंकि नेशनल हाईवे घोषित होने के बाद उस मार्ग के संधारण की जवाबदेही एनएचएआई की हो जाती है।
2004 में बना था यह मार्ग
सिवनी से महाराष्ट्र सीमा (रजेगांव) तक मार्ग बीओटी योजना के तहत मार्ग 2004 मे तैयार हुआ है। मार्ग निर्माण करने वाली कंपनी शर्तों के मुताबिक टोल टैक्स वसुलना और मार्ग का संधारण करना था, लेकिन शासन के मानक और अनुबंध की शर्तों के तहत मार्ग का मेंटेनेंस करने पर नाकाम रहने पर 2017 में उक्त कंपनी का अनुबंध निरस्त कर दिया गया।
इसकेे बाद लगभग तीन साल तक सडक जर्जर स्थिति में रही। बीओटी द्वारा उक्त रोड की मरम्मत लगभग 7 माह पूर्व कराई गई। मरम्मत के दौरान केवल बड़े-बड़े गड्ढों को भरकर जाने आने योग्य बना दिया गया, लेकिन सड़क में अभी भी बहुत सारे छोटे गड्ढे की मरम्मत नहीं की गइ। विगत 1 माह से हो रही बारिश से मरम्मत कार्य के आदेश से अधिक गड्ढे फिर से उभर कर सामने आ गए, जिसके चलते मरम्मत की गई सड़क फिर लगभग पुरानी स्थिति में आ गई।
2016 में दी थी एनएच के लिए सैद्धांतिक सहमति
एनएचएआई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि भारत सरकार द्वारा मप्र के राज्य मार्ग क्रमांक 26 के हिस्से सिवनी से बरघाट होकर बालाघाट तक 89 किलोमीटर एवं बालाघाट से रजेगांव तक 24 किमी. तथा रजेगांव से महाराष्ट्र के गोंदिया तक 21 किलो मीटर लंबाई के मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) में बदलने हेतु सैद्धांतिक सहमति प्रदाय कर दी गई है। इस तरह सिवनी से बरघाट, बालाघाट, रजेगांव, गोंदिया तक 114 किलोमीटर तक का मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग(नेशनल हाईवे) के मापदंड के अनुसार परिवर्तित किया जाना प्रस्तावित था। यह सहमति 2016 में अर्थात पांच साल पहले प्रदान की गई थी।
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सत्ताधारी सांसद, विधायक हैं मौन, विपक्ष के विधायक कर रहे आंदोलन
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। सिवनी जिले का यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि सालों से सिवनी में भारतीय जनता पार्टी के सांसद और विधायक तथा प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार रहने के बाद भी उपलब्धियों के मामले में सिवनी की झोली रीति ही है। उक्ताशय की बात भाजपा की जिला इकाई के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही।
उक्त नेता का कहना था कि स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर बालाघाट में पूर्व मंत्री गौरी शंकर बिसेन के द्वारा प्रभारी मंत्री हरदीप सिंह डंग के जरिए एवं स्वयं के संपर्कों से राज्य शासन का ध्यान इस ओर न केवल आकर्षित कराया वरन अधिकारियों पर दबाव बनाया गया, जिसके परिणाम स्वरूप 14 अगस्त से ही सिवनी से बालाघाट के बीच दोनों टोल नाकों में टोल वसूली स्थगित कर दी गई।
बरघाट के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विनोद वासनिक के द्वारा सोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट डाली गई है, जिसमें उन्होंने यह कहा है कि सिवनी से बालाघाट का मार्ग जिसे मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड के द्वारा संधारित किया जा रहा है, उसे अपग्रेड कर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया जाए एवं इस मार्ग को फोर लेन में तब्दील किए जाने के बाद ही यहां टोल वसूली आरंभ की जाए।
लोगों का कहना है कि कांग्रेस नेता विनोद वासनिक का सुझाव स्वागत योग्य है। लोगों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि अगर चुने हुए जनप्रतिनिधियों के मानस पटल पर इस तरह के विचार नहीं आ रहे हैं, तो उन्हें दलगत भावना से उपर उठकर सिवनी के हित में दिए जाने वाले सुझावों को आत्मसात करने में गुरेज नहीं करना चाहिए।
लोगों का कहना है कि स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे में अपग्रेड करने का मसला केंद्र सरकार के द्वारा किया जाएगा, इसलिए इस मामले में बालाघाट के सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन को आगे आकर (चूंकि पूरा मार्ग उनके संसदीय क्षेत्र की जीवन रेखा माना जा सकता है) केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री के सामने प्रभावी तौर पर इस पक्ष को रखा जाना चाहिए।
सिवनी की सियासी फिजा में चल रही चर्चाओं के अनुसार सिवनी में सालों से खतो खिताब की सियासत होती आई है। नेताओं के द्वारा पत्र देकर फोटो खिचाकर खबरें जारी करना पुराना शगल ही प्रतीत हो रहा है। इन पत्रों में से कितने पत्रों को अमली जामा पहनाया गया है यह बात भी शोध का ही विषय मानी जा सकती है। चर्चाओं के अनुसार सिवनी में भाजपा के सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन, सिवनी के विधायक दिनेश राय इस मामले में मौन साधे हुए हैं, जबकि बालाघाट के विधायक गौरी शंकर बिसेन अकेले ही टोल वसूली स्थगित करवाने के लिए एड़ी चोटी एक किए हुए हैं। इसके अलावा बरघाट के कांग्रेस के विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने डंपर, ट्रक, जेसीबी एसोसिएशन के साथ धरना दिया गया।
सिवनी में एफएम रिले सेंटर के स्वीकृत हुए पांच सालों से ज्यादा समय बीत चुका है। इसके अलावा फोरलेन का निर्माण तो हुआ है पर फोरलेन भी बुरी तरह जर्जर हो चुकी है। सिवनी में अमान परिवर्तन के लिए पटरी उखड़े समय हो चुका है, सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन के द्वारा जून 2021 का लक्ष्य दिए जाने के बाद भी रेल्वे के अधिकारियों के द्वारा उनकी बात को भी हवा में ही उड़ा दिया गया। वर्तमान हालात देखकर यही कहा जा सकता है कि भोमा से सिवनी के बीच सीआरएस भले ही 2022 के मार्च तक हो पाए पर इस रेलमार्ग पर रेलगाड़ियों का सुचारू संचालन होने में एक साल से ज्यादा का समय लग सकता है।
एनएचएआई के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि लगभग दो दशक पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग के अध्यक्ष मूलतः छिंदवाड़ा जिले के निवासी हुआ करते थे। उनके द्वारा होशंगाबाद से पिपरिया, छिंदवाड़ा, सिवनी बालाघाट होकर गोंदिया के मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कराने के भरसक प्रयास किए थे, किन्तु उस दौर के सिवनी के सांसदों के द्वारा इसमें दिलचस्पी नहीं लिए जाने से यह मामला ठण्डे बस्ते के हवाले ही कर दिया गया था।
इधर, लोक निर्माण विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि लोक निर्माण विभाग के किसी मार्ग को अगर नेशनल हाईवे घोषित करने की कवायद की जाती है तो पीडब्लूडी इसके लिए सहर्ष तैयार रहता है, क्योंकि नेशनल हाईवे घोषित होने के बाद उस मार्ग के संधारण की जवाबदेही एनएचएआई की हो जाती है।
2004 में बना था यह मार्ग
सिवनी से महाराष्ट्र सीमा (रजेगांव) तक मार्ग बीओटी योजना के तहत मार्ग 2004 मे तैयार हुआ है। मार्ग निर्माण करने वाली कंपनी शर्तों के मुताबिक टोल टैक्स वसुलना और मार्ग का संधारण करना था, लेकिन शासन के मानक और अनुबंध की शर्तों के तहत मार्ग का मेंटेनेंस करने पर नाकाम रहने पर 2017 में उक्त कंपनी का अनुबंध निरस्त कर दिया गया।
इसकेे बाद लगभग तीन साल तक सडक जर्जर स्थिति में रही। बीओटी द्वारा उक्त रोड की मरम्मत लगभग 7 माह पूर्व कराई गई। मरम्मत के दौरान केवल बड़े-बड़े गड्ढों को भरकर जाने आने योग्य बना दिया गया, लेकिन सड़क में अभी भी बहुत सारे छोटे गड्ढे की मरम्मत नहीं की गइ। विगत 1 माह से हो रही बारिश से मरम्मत कार्य के आदेश से अधिक गड्ढे फिर से उभर कर सामने आ गए, जिसके चलते मरम्मत की गई सड़क फिर लगभग पुरानी स्थिति में आ गई।
2016 में दी थी एनएच के लिए सैद्धांतिक सहमति
एनएचएआई के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि भारत सरकार द्वारा मप्र के राज्य मार्ग क्रमांक 26 के हिस्से सिवनी से बरघाट होकर बालाघाट तक 89 किलोमीटर एवं बालाघाट से रजेगांव तक 24 किमी. तथा रजेगांव से महाराष्ट्र के गोंदिया तक 21 किलो मीटर लंबाई के मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग (नेशनल हाईवे) में बदलने हेतु सैद्धांतिक सहमति प्रदाय कर दी गई है। इस तरह सिवनी से बरघाट, बालाघाट, रजेगांव, गोंदिया तक 114 किलोमीटर तक का मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग(नेशनल हाईवे) के मापदंड के अनुसार परिवर्तित किया जाना प्रस्तावित था। यह सहमति 2016 में अर्थात पांच साल पहले प्रदान की गई थी।
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