अब पेंच नेशनल टाईगर रिजर्व में आसान नहीं होगा निर्माण
संभागायुक्त ने जारी की नई गाईड लाईन, तय की सीमाएं
(सुमित खरे)
जबलपुर (साई)। पेंच और कान्हा टाईगर रिजर्व में अंधाधुंध निर्माण और बेतरतीब पर्यटन के कारण इन दोनों ही टाईगर रिजर्व में निवास करने वाले जानवरों का सुकून निश्चित तौर पर छिनता ही प्रतीत हो रहा है। दोनों ही जगहों पर निर्माण के संभागायुक्त बी. चंद्रशेखर के द्वारा गाईड लाईन जारी कर दी गई है।
संभागायुक्त कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि स्थानीय स्तर पर प्रशासन को साधकर पेंच और कान्हा टाईगर रिजर्व क्षेत्र में निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहे हैं। इसके अलावा सैलानियों को पार्क में कोर और बफर क्षेत्र में ले जाते समय गाईड लाईन का पालन नहीं किए जाने की अनेक शिकायतें और समाचार चेनल्स के जरिए संभागायुक्त तक पहुंच रहीं थीं।
सूत्रों ने आगे बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए संभागायुक्त बी. चंद्रशेखर के द्वारा गाईड लाईन जारी की गई है। इसके तहत यहां होने वाले हर छोटे-बड़े निर्माण कार्य करने से पहले स्थानीय स्तर पर बनने वाली सलाहकार समिति का अनापत्ति प्रमाण पपत्र (एनओसी) अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही यहां बनने वाले भवन भी ऊंचाई भी तय गाइडलाइन से ही होगी। इनके निर्माण में इनमें स्थानीय सामान जैसे बांस, लकड़ी को भी ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना होगा।
सूत्रों ने बताया कि जबलपुर के संभागायुक्त बी चंद्रशेखर के साथ पूर्व में टाइगर रिजर्व सिवनी में कुछ माह पूर्व हुई बैठक में अनेक अहम निर्णय लिए गए थे। इन निर्णयों का पेंच और कान्हा टाइगर रिजर्व के साथ प्रदेश के अन्य टाइगर रिजर्व में पालन शुरू हो गया है। नई गाइडलाइन से अकेले पेंच में निर्माण करने के लिए 15 लोगों ने आवेदन किया, जिसमें छोटी से छोटी वजहों को गंभीरता से लेते हुए आवेदन अपात्र कर दिए गए।
सूत्रों ने बताया कि सलाहकार समिति के निर्णय में यह तय किया गया है कि होटल और मकान का निर्माण करने वाले को टाइगर रिजर्व की सीमा में आने वाले कलेक्टर के साथ स्थानीय सलाहकार समिति से भी एनओसी लेनी होगी। निर्माण करने वाले को इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इतना ही नहीं नए नियम के मुताबिक टाइगर रिजर्व कोर से लगभग एक किमी या इससे कम दूरी पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। वह इसलिए ताकि जंगली जानवरों को विचरण में किसी तरह का कोलाहल न पैदा न हो।
सूत्रों की मानें तो प्रदेश के टाइगर रिजर्व में जानवरों के कॉरिडोर में सभी निर्माण कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित होगे। यहां पर नेशनल कॉरिडोर की पहचान जियो रिफ्रेसिंग क्षेत्र संचालक तथा सदस्य सचिव स्थानीय सलाहकार समिति को सौंपा गया है। इसके लिए समिति को पूरी जानकारी और कॉरिडोर का मानचित्र राजस्व अधिकारियों को उन्हें देना होगा। यहां मौजूद नदी-नालों के दोनों ओर 100-100 मीटर में कोई निर्माण नहीं होगा। इन सबके बाद केंद्र और प्रदेश सरकार के नियमों का पालन करना होगा।
सूत्रों ने आगे बताया कि यहां पर होने वाले नए निर्माण में भवन की ऊंचाई को भी तय कर दिया गया है। नए नियम के मुताबिक अब जमीन से अधिकतम ऊंचाई 8.5 मीटर तक हो सकेगी। यहां तक की यहां बनने वाली पानी टंकी की ऊंचाई भी 9.5 मीटर से अधिक नहीं हो सकती। वहीं परियोजना भूमि पर भवन के अतिरिक्त अन्य निर्माण नहीं होगा। यहां पर विदेशी पौधे को लगाने पर पूरा प्रतिबंधित रहेंगे। वहीं होटल, लॉज, रिसॉर्ट परिसर में 70 डेसीमल से अधिक ध्वनि नहीं होनी चाहिए। स्पीकर, ध्वनि विस्तारित यंत्र प्रतिबंधित रहेंगे।
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चुनाव आयोग ने की पंचायत चुनाव प्रक्रिया निरस्त चुनाव आयोग ने जारी किया पत्र
उम्मीदवारों को वापस की जाएगी जमानत राशि
(नन्द किशोर)
भोपाल (साई)। अंततः पंचायत चुनाव होंगे अथवा नहीं इस पर से कुहासा हट गया है। फिलहाल प्रदेश में पंचायत चुनाव नहीं होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार मध्य प्रदेश में अभी पंचायत चुनाव नहीं होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कानूनी सलाह लेने के बाद चुनाव को निरस्त करने का फैसला लिया है। सचिव राज्य निर्वाचन आयोग बीएस जामोद ने कहा, कानूनी राय के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पंचायत चुनाव की पूरी प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया है।
आयोग ने कहा है कि जिन उम्मीदवारों ने नामांकन के साथ जमानत राशि जमा की है, उन्हें यह राशि वापस की जाएगी। इस फैसले के लिए आयोजित बैठक में जामोद के अलावा राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास उमाकांत उमराव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
ज्ञातव्य है कि आयोग में सोमवार को तीन बार बैठकें हुई थीं। इस दौरान आयोग के अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ का लीगल ओपिनियन अफसरों को मिला था, लेकिन दो अन्य वकीलों की कानूनी सलाह नहीं मिल पाई थी। इसकी वजह से मंगलवार तक के लिए फैसला टाल दिया गया था।
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