'सच्ची होली' पर जीत से रंगाए राजू महतो
व तारा 'प्रीत'
-------------
इंदौर (मप्र)। हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा हिंदी लेखन को बढ़ावा एवं सम्मान देने के लिए सतत प्रयास जारी हैं। इसी के तहत ४३ वीं स्पर्धा 'रंग और हम' (होली विशेष) विषय पर आयोजित की गई। इसमें जीत का रंग लगाने में गद्य में राजू महतो (झारखंड) व पद्य में तारा 'प्रीत'(राजस्थान) प्रथम विजेता के रूप में सफल हुए हैं।
यह जानकारी ४३ वीं स्पर्धा के परिणाम जारी करते हुए मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने दी। आपने बताया कि, प्राप्त प्रविष्टियों में से श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने गद्य में लोकप्रिय रचनाशिल्पी राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ (धनबाद) को प्रथम एवं 'होली हमें हर्षाती है' हेतु उमेशचन्द यादव (बलिया, उप्र) को द्वितीय विजेता माना है। इसी प्रकार पद्य विधा में 'रंग मिला लो प्यार का' के लिए तारा प्रजापत ‘प्रीत’
(रातानाड़ा, राजस्थान) प्रथम रही। इसी वर्ग में प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे (मंडला, मप्र) को रचना 'फागुन गाता गीत' पर दूसरा एवं 'अब तक जवान होली है' के लिए एस.के.कपूर ‘श्री हंस’ (बरेली, उत्तरप्रदेश) को तृतीय स्थान मिला है।
श्रीमती जैन ने बताया कि,१.४७ करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह एवं ७ सम्मान पाने वाले इस मंच की संयोजक सम्पादक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार) एवं प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता'(छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक शुभकामनाएं-बधाई देते हुए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है।
--------------------
आपसे सहृदय सादर विनम्र अनुरोध है कि, आपके प्रकाशन में स्थान के उपरांत लिंक/ पीडीएफ प्रेषित कराने का विनम्र कष्ट अवश्य करें,ताकि मूल प्रति संग्रहित की जा सके।
व तारा 'प्रीत'
-------------
इंदौर (मप्र)। हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा हिंदी लेखन को बढ़ावा एवं सम्मान देने के लिए सतत प्रयास जारी हैं। इसी के तहत ४३ वीं स्पर्धा 'रंग और हम' (होली विशेष) विषय पर आयोजित की गई। इसमें जीत का रंग लगाने में गद्य में राजू महतो (झारखंड) व पद्य में तारा 'प्रीत'(राजस्थान) प्रथम विजेता के रूप में सफल हुए हैं।
यह जानकारी ४३ वीं स्पर्धा के परिणाम जारी करते हुए मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने दी। आपने बताया कि, प्राप्त प्रविष्टियों में से श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने गद्य में लोकप्रिय रचनाशिल्पी राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ (धनबाद) को प्रथम एवं 'होली हमें हर्षाती है' हेतु उमेशचन्द यादव (बलिया, उप्र) को द्वितीय विजेता माना है। इसी प्रकार पद्य विधा में 'रंग मिला लो प्यार का' के लिए तारा प्रजापत ‘प्रीत’
(रातानाड़ा, राजस्थान) प्रथम रही। इसी वर्ग में प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे (मंडला, मप्र) को रचना 'फागुन गाता गीत' पर दूसरा एवं 'अब तक जवान होली है' के लिए एस.के.कपूर ‘श्री हंस’ (बरेली, उत्तरप्रदेश) को तृतीय स्थान मिला है।
श्रीमती जैन ने बताया कि,१.४७ करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह एवं ७ सम्मान पाने वाले इस मंच की संयोजक सम्पादक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार) एवं प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता'(छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक शुभकामनाएं-बधाई देते हुए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है।
--------------------
आपसे सहृदय सादर विनम्र अनुरोध है कि, आपके प्रकाशन में स्थान के उपरांत लिंक/ पीडीएफ प्रेषित कराने का विनम्र कष्ट अवश्य करें,ताकि मूल प्रति संग्रहित की जा सके।
सादर धन्यवाद।
Attachments area
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY