बधाई राजेश कुमार जी। ग्यारहवाँ सावित्री त्रिपाठी स्मृति सम्मान हमारे मित्र और नाटककार राजेश कुमार को दिया जाएगा। सावित्री त्रिपाठी फाउन्डेशन ने आज यह घोषणा की। निर्णायक समिति के सदस्यों प्रो. काशीनाथ सिंह, प्रो. बलराज पांडेय और प्रो. आशीष त्रिपाठी ने सर्वसम्मति से राजेश कुमार जी का चयन किया है। इससे पूर्व सर्व श्री एकांत श्रीवास्तव, चौथीराम यादव , देवेंद्र, दिनेश कुशवाह, अवधेश प्रधान, अनुज लुगुन,संजय सिन्हा, अब्दुल बिस्मिल्लाह, राकेश रंजन और अल्पना मिश्र को इस सम्मान से विभूषित किया जा चुका है। 11 जनवरी 1958 को पटना में जन्मे राजेश कुमार ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं।सारिका और धर्मयुग जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कहानियों के प्रकाशन से अपने लेखन की शुरूआत करने वाले राजेश कुमार जनपक्षधर सवालों की अभिव्यक्ति के रूप तलाश करते हुए नुक्कड़ नाटकों के लेखन की ओर आये। उन पर जन आन्दोलनों का भी गहरा प्रभाव पड़ा जिससे वे नुक्कड़ नाटकों के लेखन के लिए प्रेरित हुए। सेवा में तबादलों के कारण राजेश कुमार को कई शहरों में रहने का अवसर मिला,इस दौरान वे विभिन्न जनधर्मी नाट्य संस्थाओं से जुड़े और रंगकर्म को अत्यधिक जनोन्मुखी बनाने का प्रयास करते रहे।नाट्य संस्थाओं युवा नीति, धार,दिशा,दृष्टि और अभिव्यक्ति के संस्थापक सदस्यों में रहे।
जनतंत्र के मुर्गे, हमें बोलने दो, ज़िंदाबाद-मुर्दाबाद, क्रेन, रंग सियार, भ्रष्टाचार का अचार उनके बहुचर्चित नुक्कड़ नाटक हैं।इसके अतिरिक्त झोपड़पट्टी, आखिरी सलाम, अंतिम युद्ध, घर वापसी, गांधी ने कहा था, मार पराजय, हवन कुंड, सत भाषे रैदास, अंबेडकर और गांधी ,सुखिया मर गया भूख से,द लास्ट सैल्यूट,हिन्दू कोड बिल,श्राद्ध उनके नाटक हैं जिन्हें पढ़ा और सराहा गया।
राजेश कुमार के मुख्य नाट्य संग्रह और पुस्तकें हैं- हमें बोलने दो ( नुक्कड़ नाटक संग्रह), जनतंत्र के मुर्गे (नुक्कड़ नाटक संग्रह), ज़मीन हमारी है (नुक्कड़ नाटक संग्रह),कोरस का संवाद(नुक्कड़ नाटकों का संपादन),शताब्दी की परछाइयां(एकल नाटक संग्रह),नाटक से नुक्कड़ नाटक और मोरचा लगाता नाटक(नुक्कड़ नाटक लेख संपादन),झोपड़पट्टी(नाटक),आखि
आखिरी सलाम(नाटक)। विभिन्न शहरों में राजेश कुमार के नाटकों की सैकड़ों प्रस्तुतियां हो चुकी हैं,आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों से भी उनके नाटकों का प्रसारण होता रहा है।
अपने नाट्यलेखन के लिए राजेश कुमार को विभिन्न पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा जा चुका है। 2008 में साहित्य कला परिषद नई दिल्ली द्वारा मोहन राकेश सम्मान, एवं 2009 में राधेश्याम कथावाचक सम्मान,2012 में दून घाटी रंगमंच संस्थान द्वारा नाट्य रत्न सम्मान,सेंटर फॉर दलित आर्ट एंड लिटरेचर नई दिल्ली द्वारा प्रथम दलित अस्मिता सम्मान,2014 में उत्तर प्रदेश का संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2017 में सेतु सांस्कृतिक केंद्र,वाराणसी द्वारा राष्ट्रीय सेतु नाट्य सम्मान प्रमुख हैं।
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के मुख्य अभियंता के पद से सेवानिवृत्त होकर वे निरंतर रचनारत हैं।
— with Rajesh Kumar.
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY