मानवीयता की संस्कृति के उत्थान में सभी देश एक साथ
डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी को अंतरराष्ट्रीय फोरम, सीरिया के एम्बेसेडर का सम्मान
उदयपुर/ 06 नवम्बर / सीरिया, मध्य पूर्व के संस्थान इंटरनेशनल कल्चरल फोरम ऑफ़ ह्यूमैनिटी एंड क्रिएटिविटी द्वारा जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के सहायक आचार्य डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी को वर्ष 2022 के अंतरराष्ट्रीय फोरम के एम्बेसेडर का सम्मान प्रदान किया गया है। यह सम्मान उन्हें उनके द्वारा किए गए वैश्विक स्तर पर सभी समुदायों में सांस्कृतिक व शैक्षिक जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों हेतु इंटरनेशनल कल्चरल फोरम ऑफ़ ह्यूमैनिटी एंड क्रिएटिविटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अयमन कोदरा डेनियल द्वारा प्रदान किया गया।
कुलपति प्रो. कर्नल एस.एस. सारंगदेवोत ने पूरे विद्यापीठ की तरफ से डॉ. छतलानी को बधाई देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर संस्कृति को शिक्षा द्वारा संभालने की आवश्यकता है। ऐसे देश जिनमें जागरूकता और शिक्षा के अभाव के कारण मानवीयता दम तोड़ रही है, उनमें उचित व इंसानियत की शिक्षा देकर भारतीय संस्कृति के वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को जागृत किया जा सकता है। डॉ. चंद्रेश साहित्य, सोशल मीडिया व इन्टरनेट द्वारा इन कार्यों को डिजिटली संपन्न कर रहे हैं, जो कि निःसंदेह सराहनीय हैं।
विश्व भाषा अकादमी के राष्ट्रीय चेयरमैन मुकेश शर्मा ने बताया कि डॉ. छतलानी अथक परिश्रमी हैं और उन्होंने साहित्य में कई स्तरीय शोध कार्य व नवीन प्रयोग भी संपन्न किए हैं।
कृष्णकांत कुमावत
निजी सचिव
9460632862
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डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी को अंतरराष्ट्रीय फोरम, सीरिया के एम्बेसेडर का सम्मान
उदयपुर/ 06 नवम्बर / सीरिया, मध्य पूर्व के संस्थान इंटरनेशनल कल्चरल फोरम ऑफ़ ह्यूमैनिटी एंड क्रिएटिविटी द्वारा जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के सहायक आचार्य डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी को वर्ष 2022 के अंतरराष्ट्रीय फोरम के एम्बेसेडर का सम्मान प्रदान किया गया है। यह सम्मान उन्हें उनके द्वारा किए गए वैश्विक स्तर पर सभी समुदायों में सांस्कृतिक व शैक्षिक जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों हेतु इंटरनेशनल कल्चरल फोरम ऑफ़ ह्यूमैनिटी एंड क्रिएटिविटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अयमन कोदरा डेनियल द्वारा प्रदान किया गया।
कुलपति प्रो. कर्नल एस.एस. सारंगदेवोत ने पूरे विद्यापीठ की तरफ से डॉ. छतलानी को बधाई देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर संस्कृति को शिक्षा द्वारा संभालने की आवश्यकता है। ऐसे देश जिनमें जागरूकता और शिक्षा के अभाव के कारण मानवीयता दम तोड़ रही है, उनमें उचित व इंसानियत की शिक्षा देकर भारतीय संस्कृति के वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को जागृत किया जा सकता है। डॉ. चंद्रेश साहित्य, सोशल मीडिया व इन्टरनेट द्वारा इन कार्यों को डिजिटली संपन्न कर रहे हैं, जो कि निःसंदेह सराहनीय हैं।
विश्व भाषा अकादमी के राष्ट्रीय चेयरमैन मुकेश शर्मा ने बताया कि डॉ. छतलानी अथक परिश्रमी हैं और उन्होंने साहित्य में कई स्तरीय शोध कार्य व नवीन प्रयोग भी संपन्न किए हैं।
कृष्णकांत कुमावत
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