बरसात की बूँदें गीली-गीली,
खिड़की पर आवाज़ करतीं हैं,
हर बूँद एक सुर, प्रकृति की सरगम,
सरलता से धीरे-धीरे बजाती हैं।
दुनिया बरसात में चमकीली हो जाती है,
जैसे बूँदें भूमि पर नाचती हैं,
शांति और शांति की एक संगीतमयी समझ,
हर प्रशांत, शांतिपूर्ण ध्वनि।
हर बूँद नए नवीनीकरण लाती है,
पृथ्वी और आकाश का एक स्वच्छीकरण,
प्रत्येक जीवित चीज़ को जीवन देना,
बादल गुज़रते हैं और नदियों उड़ाते हैं।
इसलिए बरसात की बूँदें धीरे-धीरे गिरने दें,
और हमारी चिंताओं और दर्द को धो दें,
क्योंकि बरसात के मिठे-मिठे गीत की धुन में,
हम एक बार फिर से शांति पाते हैं।
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