जापान की अंतरराष्ट्रीय संस्था “हिन्दी की गूंज “के द्वारा संजय वर्मा "दृष्टि उत्कृष्ट सह लेखक सम्मान
जापान की संस्था “हिन्दी की गूंज “के द्वारा मनावर जिला धार मप्र के निवासी संजय वर्मा "दृष्टि" को हिंदी सेवाओं के लिए सम्मानित किया मंच को उनके इस उपलब्धि को साझा करते हुए हार्दिक आनंद की अनुभूति हो रही है। हिंदी की गूंज पत्रिका जापान से निकलने वाली एकमात्र हिन्दी पत्रिका है, जिस के संस्थापक एवं संरक्षक डॉक्टर रमा पूर्णिमा शर्मा जी है।इनके सहयोगी प्रकाशन के तले वैदिक प्रकाशन के द्वारा संकलन- "माँ जैसा कोई नही" में साहित्यिक योगदान दिया।साहित्य में अमिट भूमिका निभाने के लिए वैदिक प्रकाशन उत्कृष्ट सह-लेखक के सम्मान से अलंकृत करता है।इसके साथ ही मंच उज्ज्वल साहित्यिक भविष्य की कामना करता है।
इस संकलन में देश और विदेश से बहुत सारे वरिष्ठ हिन्दी लेखक और लेखिका की सहभागिता है।मप्र के अतिरिक्त भारत के अन्य राज्यों से भी लेखक और लेखिकाएं मौजूद है ,इसके अलावा न्यू यॉर्क ,जापान, इंडोनेशिया, हॉलैंड ,लंदन एवं अमेरिका जैसे देशों के हिंदी सेवी लेखक-लेखिका सम्मिलित है।संजय वर्मा "दृष्टि"के इस सम्मान के लिए डॉक्टर रमा पूर्णिमा शर्मा जी एवं मंच के सहयोगी मंडल तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता है।
आपको यह बता दें कि संजय वर्मा "दृष्टि" एक जाने माने पत्र लेखक,साहित्यकार,और कवि है, वे मुख्य रूप से हिन्दी की गूंज ,वैदिक प्रकाशन ,आर्य पब्लिकेशन एवं संस्कार न्यूज़ के लिए हिंदी में अपना योगदान प्रदान करते है और लगभग 150 पुस्तकों में सह लेखिका के रूप में अपना योगदान दे चुके है ,उनकी तीन पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी है और साहित्य के क्षेत्र में उन्हेंदेश ही नही अपितु विदेश के कनाडा,जापान नीदरलैंड से सम्मानित किया जा चुका है और उन्हें कविता पाठ के लिए देश और विदेशों से भी सम्मानित किया गया है ।साहित्य को वो अपना सेवा क्षेत्र मानते है और साहित्य में और भी ऊँचे मुक़ाम को पाने की अभिलाषा रखते है।उल्लेखनीय है कि 50 वर्षो से नियमित आपके सृजन से ,आप लगातार लिखने और प्रकाशित होने वाले लेखकों में हैं|
राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित श्री संजय वर्मा"दृष्टि" की लगभग पाँच हजार काव्य रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है|150 साझा काव्य संकलन आपकी साहित्यिक कीर्ति में नित अभिवृद्धि करते हैं|लगभग चार दशकों से अधिक निरंतर सृजनरत श्री संजय वर्मा"दृष्टि" आकाशवाणी और दूरदर्शन पर भी कई बार अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं| बेटी बचाओ पर आधारित अपनी प्रसिद्ध कृति"दरवाजे पर दस्तक"से दुनिया भर में लोकप्रिय हुए संजय वर्मा"दृष्टि" की रचनात्मक 'दृष्टि' बड़ी समृद्ध और व्यापक है|वर्तमान में नए संग्रह "बेटियों का आँगन", "बागेश्वर धाम" काव्य संग्रह प्रकाशित है।बेटी पर श्रंखलाबद्ध लिखी आपकी अनगिनत रचनाओं को पाठकों ने बड़े दिल से मान-सम्मान दिया है| सामाजिक,साहित्यिक संस्थाओं में अनवरत सहभागिता आपकी अभिरुचि और सृजनशीलता को नये आयाम प्रदान करती है|।विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में गद्य-पद्य,लेख प्रकाशित होते रहे हैं,जो पाठकों के साथ अन्य लेखकों को भी निरंतर सक्रिय रहने और सृजनरत रहने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।वर्ष 2024 में 2172 पत्र,लेख,काव्य रचना का प्रकाशन।अंतराष्ट्रीय हम हिंदुस्तानी साप्ताहिक पेपर अमेरिका.,कनाडा अफ्रीका से प्रकाशित होता है उसमे एक दिन में 23 लेख ,कविता प्रकाशित होने का रिकॉर्ड भी इनके नाम पर है ।मुख्य कृतियाँ--'दरवाजे पर दस्तक',खट्टे मीठे रिश्ते (कहानी संग्रह),तुम मुझसे झूठ तो नहीं बोल रहे(उपन्यास) कनाडा से प्रकाशित। समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं निरन्तर रचनाओं का प्रकाशन।
मुख्य सम्मान/पुरस्कार--राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्थाओं से 613से भी अधिक सम्मान व पुरस्कार प्राप्त। स्टार बुक ऑफ़ इंटरनेशनल से सम्मान एवं वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में तीन बार नाम दर्ज है।
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