खुलेआम बिक रहा है मिलावटी खाद्य तेल
कोलेस्ट्रॉल, हृदय की बीमारियां तेजी से बढ़ रहीं
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। अपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद रहने वाले लोग मैगी और ब्रेड पर मचे बवाल से सहमे हों लेकिन हकीकत तो यह है कि वे हर रोज कोई न कोई मिलावटी खाद्य पदार्थ खा रहे हैं। खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत वैसे तो पूरे देश में खुले खाद्य तेल की बिक्री पर रोक है, लेकिन इसके बावजूद सिवनी में धड़ल्ले से मिलावटी खुले तेल की बिक्री की जा रही है।
एक व्यापारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिले में खुले खाद्य तेल की आपूर्ति टैंकर्स से की जाती है। इसके बाद या तो इस तेल को ब्रांडेड तेल के पाँच, दस या पंद्रह लीटर के कंटेनर्स में भर दिया जाता है या फिर खुले रूप से बेचा जाता है।
चिकित्सकों का कहना है कि मूंगफली या सोयाबीन का खुले तेल का उपयोग करने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और दिल से संबंधित बीमारियों के होने की संभावनाएं ज्यादा बनती हैं। बाजार के जानकारों के अनुसार विगत वर्षों में ड्राप्सी जैसी बीमारी ने जोर पकड़ लिया था जिसके चलते केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत भी खुले तेल की बिक्री प्रतिबंधित की गयी है। इसके बावजूद प्रदेश और सिवनी में इसकी बिक्री की जा रही है।
सिवनी के बुधवारी बाजार, बारापत्थर सहित कई क्षेत्रों की अनेक दुकानों में खुला खाद्य तेल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है पर किसी भी जिम्मेदार सरकारी नुमाईंदे के पास इतनी फुर्सत नहीं है कि वह जाकर खुले तेल की बिक्री करने वालों के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही करे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिवनी में प्रति दिन एक से दो टैंकर लूज तेल की सप्लाई होती है। टैंकरों में सोयाबीन तेल, पाम तेल और कॉटन ऑयल आता है। इन्हें आपस में मिलाकर सोयाबीन के नाम से खाद्य तेल को खुले में बेचा जाता है। इसके साथ ही मूंगफली तेल में भी पाम ऑयल और कॉटन ऑयल की मिलावट की जाती है। ड्रमों में भरकर खुले तेल का यह कारोबार सिवनी से आसपास के क्षेत्रों में किया जा रहा है।
व्यापार जगत में चल रहीं चर्चाओं के अनुसार मिलावटी खाद्य तेल का यह कारोबार पूरी तरह से पर्ची पर किया जाता है। इसके लिये कोई पक्का बिल व्यापारियों द्वारा नहीं दिया जाता है। इसके जरिये कारोबारियों द्वारा टैक्स की चोरी की जा रही है। मिलावट खोरों के आगे नत मस्तक प्रशासन के द्वारा भी इनके खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया जाता है।
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कोलेस्ट्रॉल, हृदय की बीमारियां तेजी से बढ़ रहीं
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। अपनी सेहत को लेकर फिक्रमंद रहने वाले लोग मैगी और ब्रेड पर मचे बवाल से सहमे हों लेकिन हकीकत तो यह है कि वे हर रोज कोई न कोई मिलावटी खाद्य पदार्थ खा रहे हैं। खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत वैसे तो पूरे देश में खुले खाद्य तेल की बिक्री पर रोक है, लेकिन इसके बावजूद सिवनी में धड़ल्ले से मिलावटी खुले तेल की बिक्री की जा रही है।
एक व्यापारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिले में खुले खाद्य तेल की आपूर्ति टैंकर्स से की जाती है। इसके बाद या तो इस तेल को ब्रांडेड तेल के पाँच, दस या पंद्रह लीटर के कंटेनर्स में भर दिया जाता है या फिर खुले रूप से बेचा जाता है।
चिकित्सकों का कहना है कि मूंगफली या सोयाबीन का खुले तेल का उपयोग करने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और दिल से संबंधित बीमारियों के होने की संभावनाएं ज्यादा बनती हैं। बाजार के जानकारों के अनुसार विगत वर्षों में ड्राप्सी जैसी बीमारी ने जोर पकड़ लिया था जिसके चलते केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के तहत भी खुले तेल की बिक्री प्रतिबंधित की गयी है। इसके बावजूद प्रदेश और सिवनी में इसकी बिक्री की जा रही है।
सिवनी के बुधवारी बाजार, बारापत्थर सहित कई क्षेत्रों की अनेक दुकानों में खुला खाद्य तेल धड़ल्ले से बेचा जा रहा है पर किसी भी जिम्मेदार सरकारी नुमाईंदे के पास इतनी फुर्सत नहीं है कि वह जाकर खुले तेल की बिक्री करने वालों के खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही करे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिवनी में प्रति दिन एक से दो टैंकर लूज तेल की सप्लाई होती है। टैंकरों में सोयाबीन तेल, पाम तेल और कॉटन ऑयल आता है। इन्हें आपस में मिलाकर सोयाबीन के नाम से खाद्य तेल को खुले में बेचा जाता है। इसके साथ ही मूंगफली तेल में भी पाम ऑयल और कॉटन ऑयल की मिलावट की जाती है। ड्रमों में भरकर खुले तेल का यह कारोबार सिवनी से आसपास के क्षेत्रों में किया जा रहा है।
व्यापार जगत में चल रहीं चर्चाओं के अनुसार मिलावटी खाद्य तेल का यह कारोबार पूरी तरह से पर्ची पर किया जाता है। इसके लिये कोई पक्का बिल व्यापारियों द्वारा नहीं दिया जाता है। इसके जरिये कारोबारियों द्वारा टैक्स की चोरी की जा रही है। मिलावट खोरों के आगे नत मस्तक प्रशासन के द्वारा भी इनके खिलाफ किसी तरह की कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया जाता है।
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