बचपन की वो सभी कहानी हमको भाती हैं,
कभी सुनाई दादी ने, नानी कभी सुनाती है।
देर रात तक छत पर रहते, चांद सितारे तकते,
सप्त ऋषि- ध्रुव तारे की, याद कहानी आती है।
घटते बढ़ते चांद को देखा, चलते देखा रातों में,
देख गगन में चांद सितारे, दादी समय बताती है।
नहीं लिखी किसी किताब में, अनुभव की ये बातें,
दादी ने दादी से सीखी थी, जो बातें हमें बताती है।
अ कीर्ति वर्द्धन
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