Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बाज़ारवाद आज नारी पर, कितना हावी हो गया

 
बाज़ारवाद आज नारी पर, कितना हावी हो गया है,
सर्जरी का होना, प्रसव से पहले ही पक्का हो गया है। 
माँ नहीं कराएगी स्तनपान, नवजात शिशु को अपने,
देहयष्टि खराब होने का डर, विज्ञापनों से हो गया है। 
रख ली गयी आया घर में, बच्चे की देखभाल को,
बोतल का दूध ही बच्चे के लिए, हितकारी हो गया है। 
माँ के आँचल की कल्पना, कोई बच्चा अब कैसे करे,
 बिन दुपट्टे के ही रहना, फैशन का हिस्सा हो गया है। 

डॉ अ कीर्तिवर्धन

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