चतुर्थी के चाँद का, अलग पैगाम होता है,
पिया की उम्र लम्बी, यही अरमान होता है।
सजती है संवरती है, रखती है व्रत दिन भर,
ज्यों रहे चांद गगन में, पति का भान होता है।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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चतुर्थी के चाँद का, अलग पैगाम होता है,
पिया की उम्र लम्बी, यही अरमान होता है।
सजती है संवरती है, रखती है व्रत दिन भर,
ज्यों रहे चांद गगन में, पति का भान होता है।
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