अपना तो हर दिन हर पल हिन्दी का,
सोना जगना, खाना पीना हिन्दी का।
भूल गये अब तो हम अंग्रेजी लिखना,
याद रहा बस राग सुनाना हिन्दी का।
कभी पढ़ा था हमने भी अंग्रेजी को,
दफ्तर में प्रयोग किया अंग्रेजी को।
हिन्दी को तब भी हमने महारानी माना,
नौकर ही औकात बताई अंग्रेजी को।
माँ तो बस माँ होती है, मान मिलेगा,
सबसे ज्यादा घर में सम्मान मिलेगा।
चाची ताई मौसी मामी सब आ जायें,
माँ से ही बच्चे को संतुष्टि भान मिलेगा।
हिन्द की भाषा हिन्दी है गौरवशाली,
संस्कृत की छोटी बहना गौरवशाली।
देवनागरी लिपि अथाह शब्द सामर्थ्य,
विश्व पटल पहचान कराती गौरवशाली।
अ कीर्ति वर्द्धन
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY