Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कल तलक मयस्सर न थी रोटियाँ

 
कल तलक मयस्सर न थी रोटियाँ जिनके घरों मे,
कर रहे थे इल्तिजा सरकार से कुछ देने के लिये,
हो गये जाकर खडे लाईनों मे शराब की दुकान पर,
अब शराब हो गयी जरूरी जिन्दा रहने के लिये।

अ कीर्ति वर्द्धन

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