खाना थोड़ा कम खाता हूं,
ज्यादा तो मैं गम खाता हूं।
क्रोध जलाता खुद को यारों,
इसिलिये मैं नम जाता हूं।
प्यार मोहब्बत स्नेह औषधि,
इनको बांटू- समझाता हूं।
जीवन बहुत अहम है मित्रों,
अध्यात्म आधार बताता हूं।
अ कीर्ति वर्द्धन
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