Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मेरी प्रेरणा

 
हासिये पर बने वह लोग
जो विकलांग होकर भी
भीड़ से आगे चले हैं,
मेरी प्रेरणा बने हैं.....

विकलांगता जिनके लिए अभिशाप थी,
अभिशाप की बैशाखियाँ तोड़ कर
जो आगे बढे हैं,
मेरी प्रेरणा बने हैं....

विकलांगता को जिन्होंने ललकारा है,
आत्मशक्ति को संभाला है
अपने निश्चय पर अड़े हैं,
मेरी प्रेरणा बने हैं....

विकलांगता को नया अर्थ दे डाला है,
शक्ति का सृजन क्रियात्मक कर डाला है
आज राजपथ पर खड़े हैं,
मेरी प्रेरणा बने हैं....

विकलांगता अब घबराने लगी है
स्वाभिमान से बचने लगी है
जब से वो गद्दीनशीं हुए हैं,
मेरी प्रेरणा बने हैं....

विकलांगता अब बेमानी हो गई है
उनकी पहचान सफलता की कहानी हो गई है
आज मंजिलों से आगे वो बढे हैं,
मेरी प्रेरणा बने हैं....

अ कीर्तिवर्धन
'विद्या लक्ष्मी निकेतन'
53 -महालक्ष्मी एन्क्लेव ,
मुज़फ्फरनगर-251001 
08265821800 

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