निर्वासन के बावजूद भी, राम जुदा न कर पाये थे,
आदर्श राज्य देने की चाह, खुद पर ही तीर चलाये थे।
क्या कभी कोई पल आया, जब राम भुलाये सीता को,
निर्वासन के बावजूद भी, कब सीता ने सवाल उठाये थे?
देश काल और परिस्थिति, निर्णय का अधिकार बना,
त्रेता युग में था राम राज, कलयुग फिरता तना तना,
राम काल था मर्यादाओं का, संस्कार आधार बने थे,
कलयुग स्वार्थों का आधार, अहंकार में उन्मुक्त घना।
अ कीर्ति वर्द्धन
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