Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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चलो आज होली कुछ यूं मनायें

 
चलो आज होली कुछ यूं मनायें,
चेहरे पर चेहरा रंगों का सजायें।
कोई पहचान न पाये होली पर,
रंगों में इतना सरोबार हो जायें।
चेहरे पर मुखौटे तो लगाते सभी,
होली पर मुखौटा अलग सा लगायें।
मानवता के ऱग में सभी ऱंग जायें,
इस बार होली कुछ नये ढ़ंग मनायें।

अ कीर्ति वर्द्धन

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