Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जीना है तो मरना सीखो

 
जीना है तो मरना सीखो, गर पाना है तो खोना सीखो,
सुबह उजाला गर चाहो तो, अन्धकार से लड़ना सीखो।
मिलन पिया की आस हृदय में, तन्हाई संग जीना सीखो,
निर्भरता मानव की दुश्मन, निज पैरों पर चलना सीखो।
खुद को आदर पाना चाहो, खुद भी आदर देना सीखो।
माना रिश्ते अहम् जगत में, काम को प्रथम करना सीखो।
अपनी पीड़ा बहुत बड़ी है, मौन हृदय की पीड़ा सीखो,
नहीं बरसता नीर नयन से, मौन नयन की व्यथा सीखो।
बाधायें हों जब राहों में, तुम नये रास्ते गढ़ना सीखो,
दर्द बहुत है दिल में अपने, हमसे हँसकर बढ़ना सीखो ।

अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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