Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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एक क़िता

 

खुदा हर एख की क़ुर्बानियाँ क़ुबूल करे,

तुम्हरि कहेउ न कोउ भाँ वो फूल करी,

मुसीबोतो के भंवर से निकल्कर ऐ ए.के.एस.

तमाम खुशियॉं को तू बराबर खुदा नजूल करे।

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