खुदा हर एख की क़ुर्बानियाँ क़ुबूल करे,
तुम्हरि कहेउ न कोउ भाँ वो फूल करी,
मुसीबोतो के भंवर से निकल्कर ऐ ए.के.एस.
तमाम खुशियॉं को तू बराबर खुदा नजूल करे।
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खुदा हर एख की क़ुर्बानियाँ क़ुबूल करे,
तुम्हरि कहेउ न कोउ भाँ वो फूल करी,
मुसीबोतो के भंवर से निकल्कर ऐ ए.के.एस.
तमाम खुशियॉं को तू बराबर खुदा नजूल करे।
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