सौ दाग ये इक दाग मिटाने से लगे हैं!
तब जाके मेरे होश ठिकाने से लगे हैं!
इस वक्त तुझे गरदिशे दौरां न मिलेंगे!
इस वक्त हम महबूब के शाने से लगे हैं!
सौ दाग ये इक दाग मिटाने से लगे हैं!
तब जाके मेरे होश ठिकाने से लगे हैं!
इस वक्त तुझे गरदिशे दौरां न मिलेंगे!
इस वक्त हम महबूब के शाने से लगे हैं!
LEAVE A REPLY