Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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शेर

 

 

  • सौ दाग ये इक दाग मिटाने से लगे हैं!
    तब जाके मेरे होश ठिकाने से लगे हैं!
    इस वक्त तुझे गरदिशे दौरां न मिलेंगे!
    इस वक्त हम महबूब के शाने से लगे हैं!

 

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