आदत से मजबूर वो बेचारी है
क्या करे वो उसे भूलनी की बीमारी है
बहुत है यहा जिसकी वो प्यारी है
मुझे तो वो भूल ग़ई जिससे उसको यारी है
जुदा जुदा रहती है और मुझको उससे उम्मीदे सारी है
पर कैसी हो पूरी उसे भूलने की बीमारी है
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आदत से मजबूर वो बेचारी है
क्या करे वो उसे भूलनी की बीमारी है
बहुत है यहा जिसकी वो प्यारी है
मुझे तो वो भूल ग़ई जिससे उसको यारी है
जुदा जुदा रहती है और मुझको उससे उम्मीदे सारी है
पर कैसी हो पूरी उसे भूलने की बीमारी है
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