आजकल शरीफो के,देखिऐ उल्टे सीधे धन्दे,हो गये
कानून के सारे मसीहा
क्या अन्धे,हो गये
काट रहा है चैन से कतिल,ऐश की जिदंगी
मासूम के गले मे वो
उनके फन्दे,हो गये
गर्मी की मीडिग मे तेवर,मे नेता जी थे गर्म
ठन्डे आते आते उनके
तेवर,शायद ठन्डे हो गये
आभिषेक जैन
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