Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आज मौसम की बेमानी है

 

आज मौसम की बेमानी है

आँखो मे पानी है

बादल का इतंजार

मौसम तूफानी है

कही ओले की निशानी
तो कही धूप की शैतानी है

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