अब मिलता है हर कोई,रोता हुआ
खुशी जब होती नही है,हंसाने को
दरद मे आते है जब आँसू निगाहो,मे
अब बचा क्या है मुस्कुराने,को
नही जाता हू किसी महफिल,मे मिलने तुमसे
नही है पास मेरे झूठा चेहरा,दिखानो को
अजीब सी हालात है मेरी,बेटी के खिलौने मागने पर
नही है पैसे उसे उसको,दिलाने को
Abhishek Jain
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