असफलता से जो यू डरोगे
तब कैसे तुम सफलता की साढिया चढोगे
यह हारने वालो कहा मिलती है
मेहनत से ही चाक असफलता की सीलती है
काम मेहनत से ना करोगै
तब कैसे सफलता की सीढिया चढोगे
हार के डर को मार
तभी मिलेगा यहा सत्कार
सफलता यू ही नही मिलती
बिना मैहनत की मुरझाई फसल नही खिलती
जीवन भी एक इंतेहान बनाना चाहिऐ
असफल कौ काम के लिये मनाना चाहिऐ
गीतकार भी होता है क़ई बार असफल
मिलता नही उसे मेहनत का फल
उसे नही घबराना चाहिऐ
मेहनत से ध्वन बनाना चाहिऐ
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY