Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आये जिदंगी मे गम तो गम लिख देना

 

 

आये जिदंगी मे गम तो गम लिख देना

भले हो शब्द कम तो लिख देना

भूलने को सितम लगाने को यादे का मरहम लिख देना

अश्क डूबाकर कलम खत लिख देना

जुदाई बढाई जिदंगी नै यारो

उसको मिटाने दोस्त है हम लिख देना

खुदा की खुदाई के पहेले

हुई क्यो आँख नम बुराई से पहेले

उसी अलफाज नम मे कलम लिख देना

भूलने लगे तो यादो मे हम लिख देना

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