Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बनते काम बिगाड जाते है

 

बनते काम बिगाड जाते है

अक्सर दुनिया दारी मे
दाग हजारो लग जाते है

इस जग की यारी मे
हमने अक्सर चमन मे

फूलो को खिलते देखा
हो आकरषित भोरे को

फूलो से मिलते देखा

 

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