बिना सहारा चलने की आदत हो ग़ई
चलाने वाली मुझको थककर सो ग़ई है
पहेली डरता था गिरने से
अब क्यो डरु अबतो उमर हो ग़ई है
बढावा दिया मुझे हौसला भी
उसी कारण गिरने की हिम्मत हो ग़ई है
Powered by Froala Editor
बिना सहारा चलने की आदत हो ग़ई
चलाने वाली मुझको थककर सो ग़ई है
पहेली डरता था गिरने से
अब क्यो डरु अबतो उमर हो ग़ई है
बढावा दिया मुझे हौसला भी
उसी कारण गिरने की हिम्मत हो ग़ई है
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY