Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दिल कुछ हुआ नही

 

 

दिल कुछ हुआ नही
या क्यू कहू तुम्हारी बातो,ने दिल को छुआ नही
होके जुदा भी लगता है,
जाने क्या हुआ कि जुदा,हुया नही
अब तो उनकी आँखो से बरसात सी लगती,है
फिर आने वाली वो गम,की रात सी लगती है,
अच्छा हुआ जो नही गया,
वो साये को इस दिल ने,छुआ नही

 

 

 

आभिषेक जैन

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