Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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एक जगह खाना का अंबार,लगा देखा है

 

 

एक जगह खाना का अंबार,लगा देखा है
दुझी तरह कफन का व्यापर,यहा पर होये
कैसे कैसे लोग यहा पर,
कैसे कैसे,भाई
खूब यहा पर कर रहे
ये दोनो से कमाई,
अब तो दौलात है इनकी,माई
ये जमाना बिगडा जाये,
एक बच्चा है यहा पर सादियो,से भूखा
उसका तन,भी देखो
यहा,पर लकडी सा सूखा,
भूख बनी है अब बीमारी,
कौन लेगा खबर हमारी,
ये जमाना बिगडा जाऐ,
देखो जब भी यहा इलेक्शन,आये
जनता खूब खाये खाना,
नल पानी खूब बहाये,
फिक्चर पूरी है बाकी
और टेलर,अभी है जारी,
ये कुरसी है बीमारी
ये जमाना,बिगडा जाये

 

 

 

आभिषेक जैन

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