गिरकर जिसने संभालना सीखया था
ये बात नही कि चलना सीखया था
आते है गम तो सोचता हू मुस्कुराकर
वो ही थी जिसने हर रंग मे ढलना सीखया था
नही टूटता मै अपने बुरे दिनो मे
उसीने दिनो को बदलना सीखाया था
Powered by Froala Editor
गिरकर जिसने संभालना सीखया था
ये बात नही कि चलना सीखया था
आते है गम तो सोचता हू मुस्कुराकर
वो ही थी जिसने हर रंग मे ढलना सीखया था
नही टूटता मै अपने बुरे दिनो मे
उसीने दिनो को बदलना सीखाया था
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY