Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हर नजर पे राज हो ये जरुरी नही

 

 

हर नजर पे राज हो ये जरुरी नही

हर सिर पर ताज हो ये जरुरी नही

अनेक होते है रास्ते

कुछ मेरे कुछ औरो के बास्ते
होते है जुदा जिदंगी के रास्ते
बैठे बैठे नही मिलता राज किस्मत के बास्ते

 

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