Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जब आये गम जिदंगी मे

 

 

जब आये गम जिदंगी मे

उन गमो से डरने लगा

प्यार तुझे खुद से ज्यादा करने लगा

आदत हुई जब संभालने की मुझको

आँधी मे फिर क्यो बिखरने लगा

आँसूऔ मे डूबा दिया

हद से गुजरने लगा

गिरते गिरते इतना गिरा

खुदबा खुद संभालने लगा

देखकर जब मुझको

जब हँसने लगे लोग

उनकी खुशी के लियै

घर से भी निकलने लगा

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