कबतक सहेगी चुप क्यो रहेगी
होता है जुल्म तो उसको कुचला जाना चाहिऐ
नारी का सम्मान हमको आना चाहिऐ
जिसने त्याग अपना जीवन मा बनाके होठे को भाषा सिखलाई
जब नही आती थी नीद हमको तौ हमारे लिऐ प्यारी सी लोरी गाई
बालिदान कर दिया पूरा जीवन उसकी महानता का हमको ध्यान होना चाहिऐ
नारी शाक्ती का देश मे सम्मान होना चाहिऐ
आँसूओ की पीती है पारिवार की खातिर जीती है
उसके ऊपर क्या क्या घटना बीती है
उस पर अब मरहम का वरदान होना चाहिऐ
नारी शाक्ती का सम्मान होना चाहिऐ
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