Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कुछ तो बात होगी

 

कुछ तो बात होगी
तभी तो हर जुबा पर छाई,है
जिनने भूला दिया अरसा,पहेले
क्यो उनकी हमे याद आई,है
दुनिया यहा अपना बनकर,मिल रही हमसे
जो सच मे अपनी थी वो,आज पराई है
हर आँख मे आँसू और चेहरे,पे परेशानी क्यो,है
आज मेरी चाहत फिर याद,आई है
वो अपना हमे बोलकर,गले लगाती थी,
जिसने मेरी आज नीद तक,चुराई है

 

 

 

Abhishek Jain

 

 

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