Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कुन्दन की काया को नाश होते देखा

 

कुन्दन की काया को नाश होते देखा

उमर भर दियै दुख जीवन जिनने

मरने के बाद उनको रोते देखा

स्वारथ के संसार का स्वारथ का गीत

झूठी दुनिया क्यो सीखलाये अच्छेपन की रीत

 

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