Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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लोग मुझे समझने आये क्यो अपने दिल को लगाता है

 

 

लोग मुझे समझने आये क्यो

अपने दिल को लगाता है

दरद मिलेगा तुमको यहा पर

क्यो तुझको समझ नही आता है

भोला भाला तेरा मन है

क्यो उसको भटकाता है

स बेवफा की क्यौ बातो मे आता है

 

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