मिरे दिल की गहराई मे नही समाते है
ये झूठी लोग है जो मिलने आते है
बाहर से हँसी दिखाते है और अदंर से नफरत निभाते है
करते है जो चिन्ता हमारी हमारे सामने
हमारे जाते ही हमारी मौत की अगरबतिया लगाते है
मन मे बैर मे का खंजर छुपाया
और ऐ देखो हमारा दुश्मन हमारा दोस्त बनाने आया
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