मेरी आँख से नीद,गायब हो ,ग़ई||1||
मुझको सताने वाली,चैन से,सो,ग़ई||2||
आँख हुई लाल,रात ,बहुत हो ग़ई||3||
मै जागता रहा,वो,चैन से सो,ग़ई
अब बहुत हो गया,तुझपे है,गुस्सा,आता||||
पिता जी का दिल,भर जाता||||
मा कहने लगी,करले शादी उमर,हो ग़ई
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