Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मुझे जब देर हो जाती

 

 

मुझे जब देर हो जाती

पिताजी की आँखे लाल हो जाती है

क़ई तरह सवाल से गुजारना पडता है

मा भी करे क्या वो जो अकेले खाना पकाती है

एक बाहिन जौ सिरफ बाते ही बनाती है

डाट से बचने मा को तारीफ का घी भी लगाती है

रोज वो बच्चो को ट्यूशन भी पढती है

 

 

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