रंग नया सा लाऐगा
जब ये बंसत आयेगा
हर पेड जब होगे फूल,
काटे भी होगे उन्हे कबूल
गम मे जीवन जीना,
सीखलाऐगा,
जब ये बंसत आयेगा
कोयला मीठा गान सुनाऐ,
भौरे फूलो पर मडराये,
पक्षी सुर मे गायेगे
हम देख मन हरसाऐगे,
नगमे,खुशीये के ऐ दिल,बनायेगा
जब ये बंसत आयेगा
आभिषेक जैन
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY