शान्ती के मुहल्ले मे
खूब मचाया हल्ला
सुनकर इनका जग गया पुरा मुहल्ला
माता जी घबराये
ये मुनडा बिगडा जाये
रोज आता देरी से घर
खूब दिखाये आँख
आँख हो रही लाल
नही है उसकी नीयत साफ
जग मे लेते बुराई
ये मुनडा बिगडा जाये
सुनता नही बात किसकी
अपने अपनी बोले जब भी खोले मुख अपना
गाली की भाषा बोले
सज्जनता से उसकी बुराई
ये मुनडा बिगाडा जाये
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