सच बोलकर बहुत कुछ खो दिया हमने
तब जाकर समझ आया की
झूठ का फन आ जाये जिसको इस जमाने में
वही सबसे बड़ा फ़नकार है।।
पलत कर देख जा कबहि वपस माइन
बस अपन ह कदमो के मिते ह्वे निशन पे
कभी जो याद आये वो बीते पल तो याद तुम्हारी आती है
बरबाद हुआ जो एक शख्स तेरे इश्क में उसे याद तम्हारी आती है
अभिषेक शुक्ला
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