Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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तेरे भी नसीब है प्यारे

 

 

तेरे भी नसीब है प्यारे,
तूने चादी के मकान बनाए,तो फुटपाट पे सोना,पडा
खेत ने सोना उगला तो तुझे मिट्टी का होना,पडा
तुने दीवार उडाई तो इंसान,बटे
पत्थल को तराशा तो हाथ,काटे
छैनी उठाई तो किस्मत,मे छेद हो गया
तस्वीर मे रंग भरा तो आदमी,सफेद हो गया
समझ मे नही आता
तु अपने हाथ क्यो नही,कटवाता
तुने गरीबो के ऐसे
शानदार ताजमहल बनवाये,है
जिसमे मुमताज का हंसी चेहरा नही
तेरे ही हाथ उभर आये,है

 

 

 

 

Abhishek Jain

 

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