Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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नाज बतन पे नही करते,है जो

 

     

नाज बतन पे नही करते,है जो
खुदगर्जी बैचेन मरते है वो
होता है प्यार उनको वदन,के लिये
क्यो नही कर सकते प्यार,वतन के लिये
एक माली भी हो ऐसा
जो प्यार करे सभी से
हर पौधा प्यारा है चमन,के लिये
क्यो कर नही सकते प्यार वतन के लिये
पड जाये मौका तो पीछे,नही हटना,
थोडी हिसा भी जरूरी,अमन के लिये
झुकना भी जरूरी नही,है सम्मान मे काफी
मन भी झुकना जरूरी
है नमन के लिये

 

 

 

आभिषेक जैन

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