Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

अच्छा लगता है

 

 

बच्चों का हँसना मुस्काना अच्छा लगता है।
अभी हमें चिड़ियों का गाना अच्छा लगता है।

 

 

 

माँ की मधुमिश्रित बातें मन को बहलाती हैं,
दादी की उजली रातें मन को बहलाती हैं,
घर में मेहमानों का आना अच्छा लगता है।
अभी हमें चिड़ियों का गाना अच्छा लगता है।

 

 

आँखों की आँखों से कहना अच्छा लगता है,
आपस में हिलमिल कर रहना अच्छा लगता है,
बैठ दोस्तों के संग खाना अच्छा लगता है।
अभी हमें चिड़ियों का गाना अच्छा लगता है।

 

 

अभी हमें होली-दिवाली अच्छी लगती है,
गुस्से में दादी की गाली अच्छी लगती है,
जीवन का हर ताना-बाना अच्छा लगता है।
अभी हमें चिड़ियों का गाना अच्छा लगता है।

 

 

सावन की रिमझिम बरसातें अच्छी लगती हैं,
खेतों-खलिहानों की बातें अच्छी लगती हैं,
बचपन का वह सफ़र सुहाना अच्छा लगता है।
अभी हमें चिड़ियों का गाना अच्छा लगता है।

 

 

 

आचार्य बलवन्त

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ