1
ले रहा हर किसी की खबर आईना।
उम्र भर आपका हमसफर आईना।
आईने से कभी झूठ मत बोलिये,
हर किसी पर है रखता नजर आईना।
2
सपने हैं जिनके गिरवी, सासें उधार हैं।
बस एक हादसे के ही सब शिकार हैं।
मुश्किल में पड़ गयी है दुल्हन की जान अब,
जब एक पालकी में दस-दस कहाँर हैं।
3
कवियों की जगह आज मसखरों ने ले लिया।
दिल्ली को, मेरे दोस्त! तस्करों ने ले लिया।
कितना कहूँ, कैसे कहूँ मैं हाल वतन का,
जो बचा था बेईमान अफ़सरों ने ले लिया।
4
कभी ज़िन्दगी को प्यार गवारा न हो सका।
सदियों से जिसको चाहा वो हमारा न हो सका।
लाखों सज़े थे तारे आँचल में आसमां के,
किस्मत का कोई सितारा न हो सका।
5
भीड़ भरी राहों पर हाथापा से डर लगता है।
सूनी सहमी रातों में तन्हाई से डर लगता है।
अब तो अपने ही भाई को भाई से डर लगता है.
कभी-कभी तो अपनी ही परछाईं से डर लगता है।
6
छलकते आँसू को पलकों में छिपाकर रखा।
अपने ख्व़ाबों की तुम्हें दुल्हन बनाकर रखा।
भले ही वायदा वफ़ा का तुम निभा न सके,
तुम्हारी यादों को सीने से लगाकर रखा।
7
दुनिया में है बहुत बड़ा ही प्यार का रिश्ता।
उससे बहुत बड़ा है ऐतबार का रिश्ता।
हिन्दू नहीं, न सिख, न मैं मुसलमान हूँ,
हर आदमी है मेरा परिवार का रिश्ता।
8
मुझे उम्र भर की सजा दे गयी।
नज़र खुद ही अपनी दगा दे गयी।
संभाला जिसे मैंने सदियों से दिल में,
दबे दर्द को वह हवा दे गयी।
9
दर्द आँखों से ढल गया होगा।
ये पता उनको चल गया होगा।
यादआयेगी रात में दिन की,
जब मुसाफ़िर निकल गया होगा।
10
चाँद-तारों से झूठ मत बोलो।
तुम बहारों से झूठ मत बोलो।
जिनके हाथों में तेरी कश्ती है,
उन बहारों से झूठ मत बोलो।
11
सपनों की सौगात हो गयी।
कही-सुनी सी बात हो गयी।
दिन के तम में सपने पलते,
दिन से दारुण रात हो गयी।
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY